5 ESSENTIAL ELEMENTS FOR #ISLAMIC #SABAQ #DEEN #KA

5 Essential Elements For #islamic #sabaq #deen #ka

5 Essential Elements For #islamic #sabaq #deen #ka

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अल्लाह की तरफ से अपने बंदों के लिए जिंदगी गुजारने का जो तरीका मोतऐयन किया गया है, उसको “शरीयत” कहते हैं। शरीयते इलाही अपनी आखरी और मुकम्मल सूरत में पैगम्बरे इस्लाम जनाब मुहम्मद रसूलुल्लाह पर नाजिल की गई। शरीयत के बा’ज अहकाम वह हैं, जिन में बुनियादी उसूल व मकासिद की वजाहत करदी गई है, जुजइयात व तफसीलात को ज्यादा वाजेह नहीं किया गया है, जैसे माली मुआमेलात और सियासी मसायेल, ताकि जमाने की तब्दीलीयों के लिहाज से इन अहकाम को मुनतबक किया जासके, जबकि जिंदगी के बा’ज मसायल वह हैं, जिन में मकासिद भी बयान कर दिए गए हैं और उस की अमली शक्ल को भी ज्यादा से ज्यादा वाजेह करने की कोशिश की गई है, यह हैं इबादात और खानदानी जिंदगी के मसायेल।

(सेक्रेटरी अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड)

तहरीके इस्लाहे मुआशेरा अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

भारत जैसा वसी व अरीज मुल्क जहाँ विभिन्न भाषायें बोली जाती हैं, जहाँ विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न सभ्यता व संस्कृति बनाया जाता है, जहाँ भांति भांति की शक्लें और तसौवरात मौजूद हैं, जहाँ अंदर और बाहर हर तरफ से अमन व अमान और इस्तकरार की बुनियादों को ढाने की साजिशें हो रही हैं, इस देश में हमारी और आप की जो जिम्मेदारी है कि हक और सच को पूरी जुर्अत के साथ पेश करें। अगर एखलास और किरदार की बलंदी के साथ बातें कही जायेंगी तो भारत में आबाद विभिन्न धर्मालंबियों के बीच बेहतर सम्बन्ध और बेहतर सम्पर्क की स्थापना के लिए उसूली व विषयों से संबंधित उद्देश्यपूर्ण वार्ता की राहें खुलेंगी। यह देश विभिन्न धर्मों के मानने वालों से आबाद है, इसलिए उनको उनके अपने धार्मिक शाआयर, रुसूम व रिवाज, धर्म के प्रचार और धर्म की शिक्षा तथा धर्म के अंतर्गत दिये गये कानूनों पर अमल और उन्हें लागू करने की स्वतंत्रता और अधिकार प्राप्त रहना चाहिए। यही इस देश की जम्हूरी विशेषता होगी कि इन सबके साथ मुंसिफाना सुलूक करे और सभों को विकास के समान अवसर प्राप्त हों।

हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी दामत बरकातहुम

अमीर-ए-शरीयत हज़रत मौलाना वली रहमानी दामत बरकातहुम

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Jis pe aap andha itamaad kerte hain, aik din woh #islamic #sabaq #deen #ka aap ko yehi sabaq de ker jata hai keh aap waqeei andhy hain.

हिन्दुस्तान की वर्तमान स्थिति में – जबकि मुसलमानों के विरुद्ध धमकी भरे बयानात (भाषणों) दिये जाते हैं, दंगे कराए जाते हैं, प्राण एवं सम्पत्ती का नुक़सान कराया जाता है और निर्दोष मुसलमानों को जेल में डाल दिया जाता है।इन सब का उद्देश्य यही है कि मुसलमानों का प्रोत्साहन टूट जाए और उनका क़दम डगमगा जाए। इसलिए अगर हम इस देश में अपने धार्मिक पहचान के साथ रहना चाहते हैं तो हमें स्वंय को तैयार रखना होगा कि इस्लाम से संबंध के मार्ग में जैसी कुछ परिक्षा भी आए हम अपने उत्साह को कम नहीं होने देंगे एवं स्थिति जैसी भी हो हम अपने दीन पर कायम (डटे) रहेंगे और हम स्वंय निजी तौर पर शरीयत-ए-इस्लामी पर अमल पैरा होंगे।

हज़रत मौलाना सय्यद मुहम्मद रबेअ हसनी नदवी दामत बरकातहुम

अकलीयत तवज्जोह व फिक्रमंदी एख्तियार करके अकसरीयत से आगे बढ़ सकती है

अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड

Muslim own regulation board ne har nazuk marhale mein aur har mushkil modh par musalmanan-e-hind ki rahnumai ki hai aur aaj bhi wo apni zimmedari anjam de raha hai, isliye yeh karwan deen o shariat bada mohtaram aur qabil-e-qadr hai, aur uski khidmat karna aur uski aawaz per labbaik kehna deen o duniya mein kamiyabi aur kamrani aur ajr o sawab ka zariya hai, aur hamara ye board musalmanan-e-hind ka muttaheda idara hai jis par na sirf millat-e-islamia ko aitemad hai balke pura mulk iske faislon ko sunne ka muntazir raha hai, buzurgo ki ye amanat qabil-e-qadar bhi hai layaq-e-shukr bhi, aur har lihaz se is ki mustahiq hai ke is ki hifazat ki jaye, ise taraqqi di jaye, aur ham sabhon ki zimmedari hai ke apni infaradiyat, maslak o mashrab ke faslon aur jamati halka bandiyon se buland ho kar sirf deen ki sar bulandi aur millat-e-islamia ki bahi khwahi ki khatir is samandar mein zam ho jayen, aur ham mein se har ek ki infaradiyat moti ki tarah samandar ki teh mein rahe jis se samandar ka waqar o wazan to badhe, magar uski rawani mein koi farq na aaye.

इस्लाम इसलिए आया है कि जीवन के समस्त मोड़ पर मुसलमानों के मार्गदर्शन का कार्य करें। इसीलिए क़ुरान एवं हदीस में मनुष्य के जीवन व्यतीत करने के सिद्धांत पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया है। एवं जीवन के विभिन्न कार्य क्षेत्र के लिए संतुलित,मध्यम, ज्ञानपुर्वक एवं न्याय से भरपूर एवं मानवीय स्वभाव से संगत विधि दिए गए हैं। इन विधियों को सैकड़ों वर्ष कार्यरत जीवन में बर्ता एवं सामूहिक एवं एकल जीवन में लागू किया गया है ।और प्रत्येक न्याय प्रिय व्यक्ति ने इसकी उपयोगिता एवं लाभ को स्वीकार किया है।

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